Friday, May 28, 2010

Arti - Ganga

गंगा मां आरती
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता । शरण पड़े जो तेरी , सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता । कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता । यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता । सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।

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