Friday, May 28, 2010

Kali Ma

काली मैया आरती
प्रेम सहित नित्य करू आरतीमहाकाली मैया की l
आरी डाला डरानी मंगला भरनीदुखाहरिनी सुखदैया की l
तुम ही अगम भव भरने वालीतुम ही जागता लय करने वाली l
तुम ही कष्ट लखी निज भक्तन परआकर तुंरत सहैया की l
तुम्हीं प्रबल हो हरी की शक्तिरुद्र भव शंकरा की भक्ति l
तुम्हीं जननी पतवार बनीइक सेवक सुंदरा नैया की ll

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