Sunday, May 30, 2010

कालि मन्त्र

कालि मन्त्र 1
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु‍ते ll

कालि मन्त्र 2
अथ कालिमन्त्रये सद्यो वाक्सिद्धि प्राप्यवान्
अरवितैर्यः सर्वेस्तम् प्राप्नुवन्ति जना भुवि ll
सवरुहाम् महाभीम घोरदंष्ट्रम् हसन्मुखीम्
चतुर्भुजम् खड्ग-मुण्डवर-भयकरम् शिवम्
मुण्डमाला-धरम् देवी लोलजिव्हान् दिगम्बरम्
एवम् सञ्चिन्तयेत् कालिम् शमसनालयवासिनीम् ll
क्रीम् क्रीम् क्रीम् ह्रीम् ह्रीम् हुम् हुम् दक्षिणे कालिके
क्रीम् क्रीम् क्रीम् ह्रीम् ह्रीम् हुम् हुम् स्वाहा ll

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