Thursday, June 17, 2010

Vishnu Arti




जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकटदास जनों के संकटक्षण में दूर करे,  .. 
जो ध्यावे फल पावेदुख बिनसे मन का -- सुख सम्पति घर आवेकष्ट मिटे तन का। .. 
मात पिता तुम मेरेशरण गहूं मैं किसकीतुम बिन और दूजाआस करूं मैं जिसकी। ..
तुम पूरण परमात्मातुम अंतरयामी . स्वामी -- पारब्रह्म परमेश्वरतुम सब के स्वामी .. .. 
तुम करुणा के सागरतुम पालनकर्ता। स्वामी .. . मैं सेवक तुम स्वामीकृपा करो भर्ता स्वामी ....
तुम हो एक अगोचरसबके प्राणपति, स्वामी .. .किस विधि मिलूं दयामयतुमको मैं कुमति. ..
दीनबंधु दुखहर्ताठाकुर तुम मेरे, स्वामी -- अपने हाथ बढ़ाओद्वार पड़ा तेरे। .. 
विषय विकार मिटाओपाप हरो देवा, स्वमीश्रद्धा भक्ति बढ़ाओसंतन की सेवा। .. 

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